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Homosexuality and Unnatural Sex Relations-5 : अप्राकृतिक यौन संबंध की क्यों होती है इच्छा बलवती?

 अप्राकृतिक यौन संबंध : क्यों होती है इच्छा बलवती?  अनेक लोगों का मानना है कि अप्राकृतिक यौन संबंधों की इच्छा केवल उन लोगों में बलवती होती है, जो किसी ने किसी रूप में मानसिक रोगी होते हैं। जबकि यह सच नहीं है। शरीर व दिमाग से बिल्कुल स्वस्थ व्यक्ति भी अप्राकृतिक संबंधों में लिप्त रहे हैं, जिनमें अनेक सेलेब्रिटीज, हाई प्रोफाइल लोग, प्रख्यात लोग, विभिन्न तरह के कलाकार आदि शामिल हैं। इसलिए यह कहना उचित नहीं होगा कि मानसिक रूप से बीमार व्यक्ति ही अप्राकृतिक यौन संबंध बनाते हैं।  अप्राकृतिक यौन संबंध बनाना या समलैंगिक होना कोई बीमारी नहीं है, बल्कि एक रूझान है, जो आमतौर पर प्राकृतिक रूप से होता है। क्वियर समुदाय का मानना है कि यह एक खास वर्ग के लोगों की आवश्यकता है। उनका कहना है कि अब किसी पुरूष का स्त्री के प्रति या स्त्री का पुरुष की ओर सेक्स मामले में रूझान नहीं है या फिर कोई पुरुष होते हुए भी मन में स्त्री भाव रखता है या स्त्री होते हुए भी मन में पुरुष भाव रखता है, तो इसे प्राकृतिक ही माना जाना चाहिए।  एक साइट के आंकड़े कहते है कि अकेले भारत मे करीब सवा लाख समलिंगी पंजीकृत हैं, जो

Homosexuality and Unnatural Sex Relations-4 : अप्राकृतिक यौन संबंधों का प्राचीन इतिहास

अप्राकृतिक यौन संबंधों के उदाहरण आदिकाल, पुराकाल और वर्तमान काल यानी हर कालखंड में मिलते हैं। भारत ही नहीं, संभवतः दुनिया के सबसे पुराने सेक्स ग्रंथों में से एक वात्स्यायन रचित कामसूत्र में समलैंगिकों के बारे में विस्तृत वरर््िन मिलता है। इस ग्रंथ के अनुसार वैदिक काल में जिनसे अप्राकृतिक यौन संबंध बनाए जाते थे, उन्हें नपुंसक की श्रेर्ीि में रखा जाता था। दरअसल नपुंसक का तब अर्थ था ः वे पुरुष, जो तीसरी प्रकृति के हंैं तथा संतानोत्पत्ति में विश्वास नहीं रखते। उस युग र्में इन्हीं लोगों को ही मुखमैथुन की इजाजत थी। ऐसे पुरुष समलैंगिक कहे जाते थे तथा ये प्रायः स्त्रियोचित व्यवहार रखते थे। वे अलग पहचान में आते थे। समलैंगिक पुरुषों को स्वतंत्र रूप से अपनी पहचान बनाकर रहने की आजादी थी। पुरुष-पुरुष एक साथ रहकर और स्त्री-स्त्री के साथ स्वेच्छा से यौन संबंध बना सकते थे। समलैंगिकता को तब माता-पिता सामान्य घटना मानते थे।  कामसूत्र में लैंगिकता की पांच श्रेर्यििां हैं ः स्वैरिर्ीि, इलिबा, शंधा, नपुंसक और कामी। कामसूत्र से पहले लिखे गए कामशास्त्र में उभयलिंगियों को ऐसा पुरुष बताया गया है जो हिजड़ों औ

.Homosexuality and Unnatural Sex relations-3 : अप्राकृतिक यौन संबंध अपनाने वाले कितने प्रकार के होते हैं?

.अप्राकृतिक यौन संबंध अपनाने वाले कितने प्रकार के? जो लोग प्राकृतिक यौन संबंधों में रुचि न लेकर अप्राकृतिक यौन संबंध अपनाते हैं, वे कितने प्रकार के होते हैं? उन्हें क्या-क्या कहकर पुकारा जाता है तथा वे किस प्रकार से यौन संबंध स्थापित करते हैं, इस अध्याय में हम विस्तार से यह सब जानने का प्रयास करेंगे। 1. गे ः हिंदी में इन्हें पुरुष समलैंगिक कहा जाता है। जो पुरुष यौन संबंधों के मामले  में दूसरे पुरुषों की ओर आकर्षित होते हैं तथा दूसरे पुरुष के साथ अप्राकृतिक तौर पर मैथुन करते हैं, उन्हें गे कहा जाता है। ये पुरुष आपस में एक दूसरे का हस्तमैथुन, मुख मैथुन व गुदा मैथुन आदि क्रियाएं करके आनंद उठाते हैं। इन पुरुषों की स्त्रियों में कोई रुचि नहीं होती। दुनिया भर में पुरुष समलैंगिकों के अनगिनत जोड़े हैं, जिन्होंने आपस में विवाह भी कर रखे हैं तथा एक दूसरे के साथ जुड़े हुए हैं। इन जोड़ों में हाई प्रोफाइल लोग व सेलेब्रिटीज आदि भी शामिल हैं। 2. लेस्बियन ः हिंदी में इन्हें स्त्री समलैंगिक कहा जाता है। जब कोई स्त्री पुरुषों में रुचि न रखकर केवल स्त्री के साथ ही यौन संबंध स्थापित करने में आनंद का अनुभ