Homosexuality and Unnatural Sex Relations-5 : अप्राकृतिक यौन संबंध की क्यों होती है इच्छा बलवती?
अप्राकृतिक यौन संबंध : क्यों होती है इच्छा बलवती? अनेक लोगों का मानना है कि अप्राकृतिक यौन संबंधों की इच्छा केवल उन लोगों में बलवती होती है, जो किसी ने किसी रूप में मानसिक रोगी होते हैं। जबकि यह सच नहीं है। शरीर व दिमाग से बिल्कुल स्वस्थ व्यक्ति भी अप्राकृतिक संबंधों में लिप्त रहे हैं, जिनमें अनेक सेलेब्रिटीज, हाई प्रोफाइल लोग, प्रख्यात लोग, विभिन्न तरह के कलाकार आदि शामिल हैं। इसलिए यह कहना उचित नहीं होगा कि मानसिक रूप से बीमार व्यक्ति ही अप्राकृतिक यौन संबंध बनाते हैं। अप्राकृतिक यौन संबंध बनाना या समलैंगिक होना कोई बीमारी नहीं है, बल्कि एक रूझान है, जो आमतौर पर प्राकृतिक रूप से होता है। क्वियर समुदाय का मानना है कि यह एक खास वर्ग के लोगों की आवश्यकता है। उनका कहना है कि अब किसी पुरूष का स्त्री के प्रति या स्त्री का पुरुष की ओर सेक्स मामले में रूझान नहीं है या फिर कोई पुरुष होते हुए भी मन में स्त्री भाव रखता है या स्त्री होते हुए भी मन में पुरुष भाव रखता है, तो इसे प्राकृतिक ही माना जाना चाहिए। एक साइट के आंकड़े कहते है कि अकेले भारत मे करीब सवा लाख समलिंगी पंजीकृत हैं, जो