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Top Secrets of Kamsutra-13 : कामसूत्र के टॉप सीक्रेट्स-13 : संभोग का आनंद बढ़ाने के लिए दांंतों का प्रयोग कब और कैसे?

संभोग का आनंद बढ़ाने के लिए  दांंतों  का प्रयोग कब और कैसे? नाखूनों से प्रहार करने के बाद स्त्री में कामवासना बढऩे लगती है। वह उत्तेजित होती चली जाती है। उस समय पुरुष को चाहिए कि वह दांंतों का प्रयोग शुरू कर दे। स्त्री के कोमल अंगों को दांतों द्वारा काटना ही दंत कर्म कहलाता है। इसे दंतक्षत, दशनच्छेद्य, दंतविलेखन या रदन-दशन भी कहा जाता है। इसमें जो सबसे अधिक ध्यान देने लायक बात है, वह यह है कि आलिंगन से लेकर दांतों के वार तक के सभी कार्य केवल तभी काम में लाने चाहिएं, जब साथ वाला उसे पसंद करे। यदि वह इन्हें पसंद  न करे, तो इनके प्रयोग का नाम भी नहीं लेना चाहिए। दांत लगाने के स्थान :  यह पिछले ब्लॉग में बताया जा चुका है कि कामवासना के भडक़ जाने के बाद ही स्त्री-पुुरुष नाखून चलाते हैं। अब दांत कहां चलाते हैं, उसके स्थान कौन-कौनसे हैं, यह इस प्रकार जानना चाहिए:- ऊपर के होंठ, जीभ और आंखों को छोडक़र, उन सभी अंगों पर दांत लगाया जा सकता है, जिन पर  चुंबन होता है। इन तीन स्थानों को छोड़ देने का विशेष कारण है। ऊपर के होंठ पर अगर दांत का निशान लगा दिया जाए तो वह कुरूप लगने लगता है। इसके अलाव