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Homosexuality and Unnatural Sex Relations-10 : अप्राकृतिक यौन संबंधों ने करियर तबाह किया है

     भारत में एक कहावत है कि शेर चाहे कितना भी भूखा क्यों न हो, वह घास नहीं खाता और गाय चाहे कितनी भी भूखी क्यों न हो, वह कभी मांस नहीं खाती और इंसान को चाहे कितनी ही कामवासना क्यों न सता रही हो, वह अप्राकृतिक ढंग से या समलैंगिक यौन संबंध नहीं बनाता। अगर भारतीय समाज में कोई अप्राकृतिक यौन संबंध या समलैंगिक संबंध बनाता है तो उसका सामाजिक स्टेटस बहुत ही बुरी तरह से प्रभावित होता है। ऐसे व्यक्ति का खुलासा होने पर उसे अच्छी नजर से नहीं देखा जाता। प्रायः उसका सोशल बॉयोकॉट हो जाता है। ऐसे व्यक्ति से संबंध विच्छेद कर लिए जाते हैं तथा उसे अपने घर में नहीं घुसने दिया जाता। सामाजिक सम्मान केवल उसी व्यक्ति का होता है, जो यौन संबंधों के मामले में प्राकृतिक और मर्यादित आचरण करता है।   भारत में समलैंगिकता केवल पश्चिम का अंधानुकरण माना जाता है। अधिकांश पश्चिमी देशों में अप्राकृतिक यौन संबंध और समलैंगिकता आम बात हैं। इन देशों में समलैंगिक शादियां होती हैं। लेकिन ऐसी शादियों में संपत्ति विवाद भी खुलकर होते हैं। एक विख्यात महिला टेनिस खिलाड़ी पर उसकी एक समलैंंिगक दोस्त ने पिछले दिनों संबंध विच्छेद हो

Homosexuality and Unnatural Sex Relations-8 : अप्राकृतिक यौन संबंध - कानूनी पहलू

  अप्राकृतिक यौन संबंध : कानूनी पहलू अप्राकृतिक यौन संबंधों को लेकर विश्व में पहली बार कानून कब बना और उसमें क्या प्रावधान किए गए? इस कानून ने समय गुजरने के साथ-साथ क्या-क्या रूप बदले? आज ये कानून कहां से कहां पहुंच चुके हैं और क्या रंग ला रहे हैं? ये कानून अप्राकृतिक संबंधों पर लगाम लगा रहे हैं या इसे बढ़ावा दे रहे हैं? इस तरह के अनेक सवाल हैं, जिनके उत्तर हम इस अध्याय में तलाश करने का प्रयास करेंगे। विश्व का पहला मामला विश्व में पहली बार सन 1290 में इंग्लैंड के फ्लेटा में अप्राकृतिक यौन संबंध के किसी मामले पर सरकार सख्त हुई थी। जिसके बाद कानून बनाकर इसे अपराध की श्रेर्ीि में रखा गया था। बाद में ब्रिटेन और इंग्लैंड में 1533 में बगरी (अननैचरल रिलेशन) एक्ट बनाया गया था और इसके तहत फांसी का प्रावधान किया गया था। 1563 में क्वीन एलिजाबेथ-प्रथम ने इसे फिर से लागू कराया। 1817 में बगरी ऐक्ट से ओरल सेक्स को हटा दिया गया और 1861 में फांसी का प्रावधान भी हटा दिया गया।  लार्ड मैकाले ने किया था मसौदा तैयार इसके बाद वर्ष 1860 में लार्ड मैकाले ने भारतीय दंड संहिता की धारा 377 का मसौदा तै

Homosexuality and Unnatural Sex Relations-7 : ओरल सेक्स के जोखिम

  अप्राकृतिक यौन संबंध अनेक तरह से इंसान के लिए बेहद खतरनाक हैं। ऐसे संबंध रखने वाले व्यक्ति का घरेलू, सामाजिक, राजनीतिक और व्यक्तिगत जीवन लगभग चौपट हो जाता है। लेकिन इससे भी बढ़कर यह जिसके लिए ज्यादा खतरनाक है, वह है स्वास्थ्य। इस तरह के संबंध तब और भी खतरनाक हो जाते हैं, जब ये असुरक्षित ढंग से किए जाते हैं। इंसान कई तरह की गुप्त व लाइलाज बीमारियों का शिकार हो जाता है। अप्राकृतिक यौन संबंध स्वास्थ्य के लिए किस प्रकार घातक हैं, इस अध्याय में यही जानने का प्रयास करते हैं। यौनांगों को समझिए सेक्स स्पेशलिस्ट बताते हैं कि समलैंगिक पुरुषों का मैथुन पुरुष-स्त्री के मैथुन से काफी भिन्न होता है क्योंकि प्रकृति ने सिर्फ विपरीतलिंग के अवयवों को यौनाचार के लिये पूरक के रूप में ढाला है, न कि समलिंगियों के यौनांगों को। गुदा की संरचना, पेशियों का खिचाव, उसमें उपलब्ध खाली स्थान आदि  योनि की संरचना से एकदम भिन्न है। अतः इस तरह के यौनाचार का असर योनि-लिंग यौनाचार से भिन्न होगा और इस असर के बारे में जानना बहुत जरूरी है। इतना ही नहीं, पुरुष-स्त्री की तुलना में समलिंगी लोग अन्य प्रकार के मैथुन (उदाहर

Homosexuality and Unnatural Sex Relations-6 : समलैंगिक हो जाना कोई बीमारी नहीं है

  हमने पिछले Blog में पढ़ा कि अप्राकृतिक यौन संबंध रखना या समलैंगिक हो जाना कोई बीमारी नहीं है। यह केवल एक रूझान है। हमने यह भी पढ़ा कि अनेक लोग प्राकृतिक रूप से अप्राकृतिक यौन संबंधों के प्रेमी होते हैं तो कुछ लोग हालातवश भी इन संबंधों की ओर आकर्षित हो जाते हैं। लेकिन अगर वर्तमान युग के परिपेक्ष्य में अप्राकृतिक यौन संबंधों का गहनता से विश्लेषण किया जाए तो पता चलता है कि अधिकांश लोग प्राकृतिक तौर पर अप्राकृतिक संबंधों की ओर आकर्षित नहीं होते, उनकी तो ऐसे संबंधों में कोई रुचि ही नहीं होती, वे तो ऐसे संबंधों के बारे में सोचते ही नहीं, लेकिन उनका रूझान ऐसे संबंधों की ओर किया जाता है? उन्हें आकर्षित किया जाता है, उकसाया जाता है और उनके सैक्स संबंधों का रूख जान-बूझकर प्राकृतिक से अप्राकृतिक की ओर मोड़ा जाता है ताकि ऐसा करने वालों का उल्लू सीधा हो सके। इस Blog में हम ऐसे लोगों व माध्यमों के बारे में जानेंगे, जो अप्राकृतिक यौन संबंधों को बढ़ावा देने के लिए दिन-रात काम कर रहे हैं। जो इंसान को सेक्स का कीड़ा बनाना चाहते हैं और जो चाहते हैं कि इंसान केवल एक ही प्रकार के सैक्स संबंधों में ही न उल