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Top Secrets of Kamsutra-4 : कामसूत्र के टॉप सीक्रेट्स-4 : कामसूत्र की 64 कलाएं क्या हैं?

 कामसूत्र की 64 कलाएं क्या हैं? आचार्य वात्सयायन ने अपने कामसूत्र में जिन 64 कलाओं का वर्णन किया है, वह हम सभी के लिए जान लेना आवश्यक है। कहा जाता है कि अगर व्यक्ति इन 64 कलाओं में निपुण हो जाए तो वह महामानव हो जाता है। बताया जाता है कि भगवान श्रीकृष्ण इन 64 कलाओं में पारंगत थे। यह बात और है कि समय के साथ-साथ इनमें से कुछ कलाएं विलुप्त हो गई हैं। बावजूद इसके इन्हें जान लेना अति आवश्यक है। 1. गीतम़  यानि गाना। 2.वाद्यम़ यानि बाजा बजाना। 3. नृत्यम् यानि नाचना। 4. आलेख्यम् यानि चित्रकारी। 5. विशेषकच्छेद्यम् यानि भोजपत्र के पत्तों को तिलक की आकृति में काटना। 6. तण्डुलकुसुमवलिविकारा यानि पूजन के निमित्त रंंग-बिरंगे चावल और विविध रंग के फूलों को सजाना। 7. पुष्पास्तरणम्् यानि घर व कमरों को फूलों से सजाना। 8. दशनवसनांराग यानि दांतों तथा पहनने के कपड़ों पर रंग चढ़ाना और शरीर के प्रमुख अंगों पर अंगराग का लेप लगाना। 9. मणिभूमिकाकर्म यानि कमरों के फर्श पर रंग-बिरंगी मणियों को बिछाना। 10. शयनरचनम्  यानि शय्या की सजावट। 11. उदकवाद्यम्  यानि जलतरंग आदि बाजे बजाना। 12. उदकाघात यानि जलक्रीडा करते समय क

Top Secrets of Kamsutra-2 : कामसूत्र के टॉप सीक्रेट्स-2 : ऐसी महिलाओं से संभोग करने में न तो लाभ है और न ही हानि

  ऐसी महिलाओं से संभोग करने में न तो लाभ है और न ही हानि कामसूत्र में कुछ ऐसी नायिकाओं का जिक्र किया गया है, जिनके साथ संभोग करने से न तो लाभ होता है और न ही हानि। इस ब्लॉग में मैं ऐसी ही नायिकाओं के बारे में विस्तार से बताने जा रहा हूं। 1. जिनका विवाह हो चुका हो और जो संभोग का आनंद ले चुकी हों। बाद में वे किसी कारण से विधवा हो गई हों और इंद्रियों की कमजोरी के कारण किसी के साथ संभोग का सुख लूटना चाहती हों तो ऐसी काम पीडि़त महिलाओं को स्वीकार करके उनके साथ यौन-संबंध कायम करना न तो ठीक है और न ही गलत। 2. जो स्त्रियां धन कमाने के लिए अपना यौवन बेचती हों, उनके साथ यौन संबंध कायम करना न तो शास्त्रों के अनुकूल है और न ही प्रतिकूल। 3. नायिकाएं तीन प्रकार की होती हैं। पहली कन्या होती है, यानि जिसके साथ विधिपूर्वक विवाह किया जाए। ऐसी नायिक को अक्षता कहा जाता है। ऐसी कन्या के साथ यौन संबंध स्थापित करना सर्वश्रेष्ठ माना गया है। दूसरी प्रकार की नायिका को पुनर्भू कहा गया है। यह दो प्रकार की होती है, एक अक्षता और दूसरी क्षता। अक्षता उसे कहते हैं जिसने यौन सुख प्राप्त न किया हो और क्षता उसे कहते हैं,