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Top Secrets of Kamsutra-8 : कामसूत्र के टॉप सीक्रेट्स-8 : संभोग क्रिया कितने प्रकार की? क्या स्त्रियां स्खलित होती हैं?

  संभोग क्रिया कितने प्रकार की? क्या स्त्रियां स्खलित होती हैं? कामसूत्र में आचार्य वात्स्यायन कहते हैं कि संभोग क्रिया नौ तरह की होती है। संभोग के समय की चुस्ती और गति के हिसाब से भी नायक-नायिकाएं अलग-अलग प्रकार क होते हैं। इनमें अंतर हम इस प्रकार से कर सकते हैं : 1. मृदुराग नायक : संभोग के समय जिस नायक की काम-वासना धीमी हो, वीर्य थोड़ा-थोड़ा करके निकलता हो, जो उदास रहता हो, जिसकी इच्छा थोड़ी हो, ताकत थोड़ी हो तथा जो नायिका द्वारा दिए गए नाखून और दांतों आदि के जख्मों या प्रहारों को न सह सके, उसे मृदुराग नायक कहा जाता है। 2. मध्यवेग नायक : जिसकी संभोग के समय मध्यम इच्छा हो, जो नायिका के नाखूनों व दांतों इत्यादि के प्रहारों को सामान्य रूप से सह सके, जो सामान्य शक्ति के अनुसार संभोग करता हो, उसे मध्यवेग  नायक कहा जाता है। 3. चंडवेग नायक : जिसकी संभोग में अधिक इच्छा हो, जो जमकर संभोग करता हो, जो नायिकाके हर प्रकार के प्रहार को आसानी से सह ले, उसे चंडवेग नायक कहा जाता है। संभोग क्रिया नौ प्रकार की होती है जिस तरह गुप्तांगों के भेद के अनुसार संभोग क्रिया नौ प्रकार की होती है, उसी प्रकार

Top Secrets of Kamsutra-7 : कामसूत्र के टॉप सीक्रेट्स-7 : गुप्तांगों के आकार पर निर्भर करता है संभोग का आनंद

  गुप्तांगों के आकार पर निर्भर करता है संभोग का आनंद  कामसूत्र में आचार्य वात्स्यायन कहते हैं कि स्त्री और पुरुष का संभोग होने से पहले एक दूसरे के प्रति आकर्षण होता है। यह आकर्षण एक मानसिक प्रक्रिया है। आकर्षण के बाद दोनों के शरीर एक दूसरे के समीप आते हैं। इस समीपता का अंत संभोग कहलाता है।      संभोग एक शारीरिक क्रिया है। मानसिक आकर्षण और जोश पुरुष और स्त्री को एक दूसरे की ओर खींचते हैं। यही खिंचाव उन्हें संभोग की क्रिया तक ले जाता है। इस संभोग क्रिया में यदि दोनों के गुप्तांगों में समानता न हो तो मन द्वारा उत्पन्न आकर्षण फीका पड़ जाता है। कामवासना अतृप्त रह जाने से यह आकर्षण विकर्षण में बदल जाता है। इसलिए आचार्य वास्स्यायन गुप्तांगों के आकार भेद से संभोग के भेद बताते हैं।      यह बहुत जरूरी है कि संभोग क्रिया के लिए पुरुष के लिंग और स्त्री की योनि के बीच समानता हो। तभी यह क्रिया लंबे समय तक चल पाएगी। इसलिए आचार्य नायिक और नायिकाओं को गुप्तांग के आधार पर तीन प्रकार बताये हैं। तीन प्रकार के नायक कौनसे होते हैं :- 1. शश (खरगोश जैसे छोटे गुप्तांग वाला) :   ऐसे पुरुषों की के लक्षण, गुण व स